हिंदी लेख

  • सही तरीके से दूर हो सकती है पानी की कमी

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    भारत में पानी की कमी के साथ दूषित जल की भी समस्या है, जिसे हल करना बहुत मुश्किल नहीं |

  • G20 दुनिया में सहयोग बढ़ाने की पहल

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    G20 शिखर बैठक में भारत की शानदार उपलब्धियां दर्ज हो चुकी है | G20 के शीर्ष पर भारत का कार्यकाल एक परिवर्तनकारी अजेंडे के लिए याद किया जायगा जो यथास्तिथि को चुनौती देता है और वैश्विक सहयोग की पुनर्कल्पना करता है |

  • प्रदूषण थोड़ा ही तो घटा फिर जश्‍न क्यों

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    दिवाली के एक दिन पहले बंगाल की खारी में साइक्लोन आया था, जिसने दिल्ली की हवा साफ़ की।

  • पर्यावरण पर कैसा है हमारा रिपोर्ट कार्ड !

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    पर्यावरण पर कैसा है हमारा रिपोर्ट कार्ड, जानें मौजूदा कानूनों और संस्थानों में सुधार क्यों है जरूरी | साल 2022 पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है। संयोग से, आजादी के 25 साल पूरे होने के हफ्तेभर बाद,...

  • क्या चारधाम यात्रा में भीड़ घटाई जानी चाहिए

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    पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर और खबरों में केदारनाथ में फैले प्लास्टिक प्रदूषण की काफी चर्चा हुई। जो तस्वीरें आईं, उनसे लगता है कि केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं ने काफी मात्रा में प्लास्टिक की बोतलें और चीजें वहां फेंकीं।

  • हीट वेव की अभी तो शुरुआत है…

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    हमारी अर्बन प्लानिंग के खाके में शहरों को ठंडा रखने की बात नहीं है।

  • राज्यों के चुनावी घोषणा पत्र में पर्यावरण मुद्दे हवा हो गए

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    तमाम राजनितिक दलों ने अपने घोषणा पत्रों में पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों की नाममात्र के लिए ही चर्चा की है।

  • जलवायु परिवर्तन : लक्ष्य तो तय हुए, अब कदम आगे बढ़ाना है

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    पर्यावरण और स्वास्थ्य के नजरिए से वर्ष 2021 लंबे समय तक याद किया जाएगा। इस साल हमने मानवता का श्रेष्ठ देखा तो सबसे बुरा भी देखा। साल की शुरुआत कोरोना की दूसरी लहर से हुई।

  • आसान पहल से दूर हो सकता है मरुस्थलीकरण का संकट

    डाउन टू अर्थ

    मरुस्थलीकरण रोकने के लिए वानिकी के माध्यम से खराब मिट्टी में सुधार, पानी के उपयोग की दक्षता को बढ़ाना, मिट्टी का कटाव रोकना और बेहतर कृषि प्रणालियों को अपनाना होगा।

  • लू से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हीट कोड जरूरी

    डाउन टू अर्थ

    सरकार हीटवेव को प्राकृतिक आपदा नहीं मानती, इस पर अब गंभीरता से विचार करने की जरूरत है

  • सांसों में घुलता जहर, क्या चीन जैसी नीति बना सकते हैं हम?

    डाउन टू अर्थ

    लगभग हर भारतीय ऐसी हवा में सांस ले रहा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानदंडों के अनुसार, असुरक्षित माना गया है

  • ये दो शहर दुनिया को सिखा रहे बूंदों की संस्कृति

    डाउन टू अर्थ

    बारिश का पानी बचाकर और सीवेज के पानी को दोबारा उपयोग लायक बनाकर हम भारतीय शहरों की घरेलू पानी की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।