हिंदी लेख
सीधे किसानों के खाते में पहुंचे यूरिया की सबसिडी
Navbharat Times
इस साल अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने खेती में productivity और adaptability को प्राथमिकता के रूप में पेश किया। इस पहल का उद्देश्य प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, दालों, तिलहनों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाना, कृषि अनुसंधान में सुधार करना और जलवायु अनुकूल फसलों को प्राथमिकता देना है। ये लक्ष्य महत्वपूर्ण और जरूरी हैं, लेकिन इनके साथ उर्वरक क्षेत्र खासकर यूरिया को लेकर भी सुधार की जरूरत होगी।
सही तरीके से दूर हो सकती है पानी की कमी
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भारत में पानी की कमी के साथ दूषित जल की भी समस्या है, जिसे हल करना बहुत मुश्किल नहीं |
G20 दुनिया में सहयोग बढ़ाने की पहल
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G20 शिखर बैठक में भारत की शानदार उपलब्धियां दर्ज हो चुकी है | G20 के शीर्ष पर भारत का कार्यकाल एक परिवर्तनकारी अजेंडे के लिए याद किया जायगा जो यथास्तिथि को चुनौती देता है और वैश्विक सहयोग की पुनर्कल्पना करता है |
प्रदूषण थोड़ा ही तो घटा फिर जश्न क्यों
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दिवाली के एक दिन पहले बंगाल की खारी में साइक्लोन आया था, जिसने दिल्ली की हवा साफ़ की।
पर्यावरण पर कैसा है हमारा रिपोर्ट कार्ड !
Navbharat Times
पर्यावरण पर कैसा है हमारा रिपोर्ट कार्ड, जानें मौजूदा कानूनों और संस्थानों में सुधार क्यों है जरूरी | साल 2022 पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है। संयोग से, आजादी के 25 साल पूरे होने के हफ्तेभर बाद,...
क्या चारधाम यात्रा में भीड़ घटाई जानी चाहिए
Navbharat Times
पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर और खबरों में केदारनाथ में फैले प्लास्टिक प्रदूषण की काफी चर्चा हुई। जो तस्वीरें आईं, उनसे लगता है कि केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं ने काफी मात्रा में प्लास्टिक की बोतलें और चीजें वहां फेंकीं।
हीट वेव की अभी तो शुरुआत है…
Navbharat Times
हमारी अर्बन प्लानिंग के खाके में शहरों को ठंडा रखने की बात नहीं है।
राज्यों के चुनावी घोषणा पत्र में पर्यावरण मुद्दे हवा हो गए
Navbharat Times
तमाम राजनितिक दलों ने अपने घोषणा पत्रों में पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों की नाममात्र के लिए ही चर्चा की है।
जलवायु परिवर्तन : लक्ष्य तो तय हुए, अब कदम आगे बढ़ाना है
Navbharat Times
पर्यावरण और स्वास्थ्य के नजरिए से वर्ष 2021 लंबे समय तक याद किया जाएगा। इस साल हमने मानवता का श्रेष्ठ देखा तो सबसे बुरा भी देखा। साल की शुरुआत कोरोना की दूसरी लहर से हुई।
आसान पहल से दूर हो सकता है मरुस्थलीकरण का संकट
डाउन टू अर्थ
मरुस्थलीकरण रोकने के लिए वानिकी के माध्यम से खराब मिट्टी में सुधार, पानी के उपयोग की दक्षता को बढ़ाना, मिट्टी का कटाव रोकना और बेहतर कृषि प्रणालियों को अपनाना होगा।
लू से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हीट कोड जरूरी
डाउन टू अर्थ
सरकार हीटवेव को प्राकृतिक आपदा नहीं मानती, इस पर अब गंभीरता से विचार करने की जरूरत है
सांसों में घुलता जहर, क्या चीन जैसी नीति बना सकते हैं हम?
डाउन टू अर्थ
लगभग हर भारतीय ऐसी हवा में सांस ले रहा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानदंडों के अनुसार, असुरक्षित माना गया है